The Shodashi Diaries

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कस्तूरीपङ्कभास्वद्गलचलदमलस्थूलमुक्तावलीका

वास्तव में यह साधना जीवन की एक ऐसी अनोखी साधना है, जिसे व्यक्ति को निरन्तर, बार-बार सम्पन्न करना चाहिए और इसको सम्पन्न करने के लिए वैसे तो किसी विशेष मुहूर्त की आवश्यकता नहीं है फिर भी पांच दिवस इस साधना के लिए विशेष बताये गये हैं—

Shodashi’s mantra improves devotion and faith, serving to devotees build a further relationship to the divine. This benefit instills have confidence in while in the divine process, guiding folks by means of problems with grace, resilience, and a way of function within their spiritual journey.

प्राण प्रतिष्ठा में शीशा टूटना – क्या चमत्कार है ? शास्त्र क्या कहता है ?

श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥४॥

श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥२॥

As one progresses, the second period involves more info stabilizing this newfound awareness via disciplined procedures that harness the head and senses, emphasizing the critical function of Strength (Shakti) With this transformative process.

लक्ष्या मूलत्रिकोणे गुरुवरकरुणालेशतः कामपीठे

दुष्टानां दानवानां मदभरहरणा दुःखहन्त्री बुधानां

सावित्री तत्पदार्था शशियुतमकुटा पञ्चशीर्षा त्रिनेत्रा

When you are chanting the Mantra for a specific intention, create down the intention and meditate on it 5 minutes just before beginning Along with the Mantra chanting and five minutes once the Mantra chanting.

श्रीगुहान्वयसौवर्णदीपिका दिशतु श्रियम् ॥१७॥

षोडशी महाविद्या : पढ़िये त्रिपुरसुंदरी स्तोत्र संस्कृत में – shodashi stotram

स्थेमानं प्रापयन्ती निजगुणविभवैः सर्वथा व्याप्य विश्वम् ।

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